भारतीय शेयर बाजार में गिरावट का दौर लगातार जारी है। आज, 5वें सीधे सत्र में सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट देखी गई। यह दोनों प्रमुख सूचकांक अब अपने उच्चतम स्तर से 9% से अधिक नीचे आ चुके हैं। वैश्विक और घरेलू कारणों ने बाजार की चाल को प्रभावित किया है, जिससे निवेशकों की चिंताएं बढ़ गई हैं।
शेयर बाजार का हाल
- सेंसेक्स: प्रमुख बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स में 200 से अधिक अंकों की गिरावट दर्ज की गई। यह अब अपने उच्चतम स्तर से लगभग 9.2% नीचे है।
- निफ्टी 50: निफ्टी 50 भी 19,000 के स्तर से नीचे बंद हुआ।
गिरावट के कारण
- वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता: अमेरिका और अन्य प्रमुख वैश्विक बाजारों में ब्याज दरों को लेकर असमंजस बना हुआ है। इसके चलते भारतीय बाजार भी दबाव में हैं।
- एफपीआई की भारी बिकवाली: विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने हाल के दिनों में भारतीय बाजारों में बड़े पैमाने पर बिकवाली की है।
- घरेलू कारकों का प्रभाव: कंपनियों के तिमाही नतीजे और आगामी चुनावों से जुड़ी राजनीतिक अनिश्चितता ने भी बाजार को प्रभावित किया है।
कौन से सेक्टर्स पर पड़ा असर
गिरावट का असर लगभग सभी प्रमुख सेक्टर्स पर पड़ा:
- बैंकिंग और फाइनेंशियल सेक्टर: PSU और प्राइवेट बैंकों के शेयरों में गिरावट दर्ज की गई।
- आईटी सेक्टर: टेक्नोलॉजी शेयरों में भी दबाव रहा, जिससे निफ्टी आईटी इंडेक्स में गिरावट हुई।
- मेटल्स और ऑटोमोबाइल: इन सेक्टर्स के स्टॉक्स भी लाल निशान में बंद हुए।
निवेशकों को क्या करना चाहिए?
- लंबी अवधि का नजरिया अपनाएं: बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि निवेशकों को धैर्य रखना चाहिए और बाजार की मौजूदा गिरावट का फायदा उठाकर अच्छे वैल्यूएशन वाले स्टॉक्स में निवेश करना चाहिए।
- डायवर्सिफिकेशन करें: पोर्टफोलियो में विविधता लाने से जोखिम कम किया जा सकता है।
- ट्रेंड पर नज़र रखें: बाजार की हर छोटी-बड़ी गतिविधि पर ध्यान दें और महत्वपूर्ण आर्थिक रिपोर्ट्स को समझें।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स?
विश्लेषकों का मानना है कि यह गिरावट बाजार में सुधार का संकेत हो सकती है। उनका कहना है कि सेंसेक्स और निफ्टी दोनों के लिए निकट भविष्य में रिकवरी की संभावना है, लेकिन यह वैश्विक कारकों और विदेशी निवेशकों की धारणा पर निर्भर करेगा।
निष्कर्ष
भारतीय शेयर बाजार की मौजूदा गिरावट उन निवेशकों के लिए एक अवसर हो सकती है जो लंबी अवधि के नजरिए से मजबूत स्टॉक्स में निवेश करना चाहते हैं। हालांकि, बाजार में अस्थिरता अभी बनी रहेगी, इसलिए निवेशकों को सतर्क रहना चाहिए और अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श लेना चाहिए।