नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) ने एक बड़ी घोषणा की है, जिसमें 29 नवंबर 2024 से 45 नए स्टॉक्स पर फ्यूचर्स और ऑप्शंस (F&O) कॉन्ट्रैक्ट्स की शुरुआत की जाएगी। यह कदम उन निवेशकों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है, जो डेरिवेटिव्स मार्केट में सक्रिय हैं और अपने पोर्टफोलियो को डाइवर्सिफाई करना चाहते हैं।
किन स्टॉक्स पर होगी शुरुआत?
इस नई सूची में मिड-कैप और स्मॉल-कैप कंपनियों के अलावा कुछ बड़े नाम भी शामिल हैं। इससे निवेशकों को अधिक विकल्प मिलेंगे और वे अलग-अलग सेक्टर्स में अपने निवेश को फैला सकेंगे।
पूरी सूची:
- एबीसी लिमिटेड
- डीईएफ फाइनेंस
- एक्सवाईजेड टेक्नोलॉजीज
(अन्य सभी नाम NSE की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध हैं।)
निवेशकों के लिए क्या होगा फायदेमंद?
- विविधता: इन नए स्टॉक्स के शामिल होने से निवेशकों के पास डेरिवेटिव्स में ट्रेडिंग के अधिक विकल्प होंगे।
- लिक्विडिटी: मिड-कैप और स्मॉल-कैप स्टॉक्स के आने से बाजार में लिक्विडिटी बढ़ने की संभावना है।
- विकल्पों का विस्तार: अब निवेशक अपनी ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी के तहत विभिन्न सेक्टर्स में निवेश कर सकते हैं।
क्यों है यह कदम अहम?
NSE का यह कदम भारत में डेरिवेटिव्स मार्केट को बढ़ावा देने की रणनीति का हिस्सा है। इसके जरिए बाजार में पारदर्शिता और प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही, नए निवेशकों को F&O मार्केट में प्रवेश करने का मौका मिलेगा।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
शेयर बाजार के विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम बाजार में नए निवेशकों को आकर्षित करेगा और इससे मार्केट की गहराई बढ़ेगी। हालांकि, डेरिवेटिव्स में निवेश करते समय जोखिम का ध्यान रखना जरूरी है।
निवेशकों के लिए सलाह
अगर आप डेरिवेटिव्स में नए हैं, तो पहले इसे अच्छी तरह समझें। अपने पोर्टफोलियो को सही तरीके से बैलेंस करें और अनुभवहीनता में अधिक जोखिम न उठाएं।